किसान संघर्ष की जीत; मोदी के अहंकार की हार
-पूर्व विधायक मोहन जोशी
पुणे: पूर्व विधायक और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मोहन जोशी ने कहा कि किसान विरोधी कानूनों को रद्द करना किसानों के शांतिपूर्ण संघर्ष की जीत और प्रधानमंत्री मोदी के अहंकार की हार है.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भावना में और उनके शांतिपूर्ण तरीके से, देश के किसानों ने मोदी सरकार के कृषि कानून के खिलाफ लंबी और कड़ी लड़ाई लड़ी. सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने भी इस लड़ाई का पूरा समर्थन किया. महाराष्ट्र में बंद कर दिया. कृषि कानून के खिलाफ हस्ताक्षर का अभियान चलाया गया. किसानों और शहर के कई नागरिकों ने बंद और हस्ताक्षर अभियान का अनायास ही प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “इस तरह तरह-तरह के किसानों का पक्ष लेकर इसने लोगों में एक प्रतिक्रिया पैदा की है और फिर केंद्र सरकार को किसान विरोधी कानूनों को लागू करने की कोशिश कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहंकार को झुकना और हराना है. ऐसा मोहन जोशी ने पत्र में कहा.
इस आंदोलन के दौरान कई किसान मारे गए. आज उन किसानों के बलिदान को याद किया जाता है. किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया गया. बीजेपी के केंद्रीय मंत्री मिश्रा के बेटे ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचल दिया और उनकी हत्या कर दी. सरकारी दमन के विरोध में किसानों ने शांतिपूर्ण विरोध जारी रखा. अंतत: उनके संघर्ष की जीत हुई. यह एक ऐसी घटना है जिसे देश में किसान आंदोलन के इतिहास में नोट किया जाना चाहिए, ऐसा भी मोहन जोशी ने कहा.
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